याचना
हे प्रभु आनंददाता ! ज्ञान हमको दीजिये।
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिये।।
लीजिए हमको शरण में, हम सदाचारी बनें।
ब्रह्मचारी धर्म रक्षक वीरव्रत धारी बनेंं ।।
हिंद मे पैदा हुए हैं हिन्द की सन्तान है।
हिन्द की सेवा करें, वरदान ऐसा दीजियेे।।
प्रेम की गंगा बहे दिल में हमारे रात दिन।
तुमको कभी भूलें नहीं, सद्ज्ञान ऐसा दीजिए।।
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