Friday, May 7, 2021

कक्षा - छठी पाठ - 3

कक्षा - छठी


पाठ - 3
ब्रह्मयज्ञ (सन्ध्या-उपासना)

प्रश्न  - सन्ध्या का क्या अर्थ है संध्या किस समय की जाती है?
उत्तर  - जिस क्रिया द्वारा परमेश्वर का भली-भांति ध्यान किया जा सके उसे संध्या कहते हैं।  संध्या सुबह सूर्य उदय होने से पूर्व तथा रात्रि में सोने से पहले करनी चाहिए।
प्रश्न  - सन्ध्या करते समय मन का भाव कैसा होना चाहिए?
उत्तर  -  संध्या करते समय मन, शांत, पवित्र,चिंतामुक्त व प्रसन्न होना चाहिए। इस समय मन में ईश्वर के प्रति भक्ति भाव और श्रद्धा रखनी चाहिए।
प्रश्न  - 'ओ३म् भूः ओ३म् भुवः ओ३म् स्वः ओ३म् मह ओ३म् जनः ओ३म् तप ओ३म् सत्यम्'  इस मंत्र से संध्या में प्राणायाम किया जाता है अथवा जल ग्रहण?
उत्तर  - इस मंत्र से प्राणायाम किया जाता है।
प्रश्न  - सन्ध्या में कुल कितने शीर्षक और कितने मंत्र है?
उत्तर  -  संध्या के कुल दस शीर्षक है और इसमें बीस मंत्र आते हैं।
प्रश्न  - मनसा परिक्रमा मंत्र कितने हैं? इन मंत्रों में जिन दिशाओं का नाम आया है उन दिशाओं के नाम लिखिए।
उत्तर  - मनसा परिक्रमा मंत्र छह है। इन मंत्रों में पूर्व, दक्षिण, पश्चिम, उत्तर, नीचे की दिशा तथा ऊपर की दिशा का नाम आया है।

कक्षा - छठी पाठ - 2

कक्षा - छठी

पाठ - 2
सन्ध्या और उसकी तैयारी


उत्तर - जिस क्रिया द्वारा परमेश्वर का भली-भांति ध्यान किया जा सके उसे संध्या कहते हैं।

 उत्तर -   संध्या सुबह सूर्य उदय होने से पूर्व तथा रात्रि में सोने से पहले करनी चाहिए।

उत्तर -  संध्या के समय स्वच्छ, पवित्र, सादे और  ऋतु के अनुकूल पहनने चाहिए।

उत्तर - संध्या शुद्ध, पवित्र, शांत और एकांत स्थान पर करनी चाहिए।

उत्तर - संध्या करने से सुख शांति धर्म अर्थ काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।