Wednesday, August 12, 2020

कक्षा - आठवीं पाठ - 10

कक्षा - आठवीं

पाठ - 10
यम और उसके अंग

प्रश्न 1 - योग के आठों अंगों के नाम लिखिए।
उत्तर 1 - योग के आठ अंग के नाम निम्न है -
1 यम
2 नियम
3 आसन
4 प्रणायाम
5 प्रत्याहार
6 धारणा
7 ध्यान
8 समाधि
प्रश्न 2 - यम कितने है? प्रत्येक का नाम लिखकर उसका अर्थ बताएँ।
उत्तर 2 - यम पाँच है -
1 अहिंसा - किसी प्राणी को मन, वचन, कर्म से दुःख न देना।
2 सत्य - सदा सच्चाई के मार्ग पर चलना, प्रिय तथा हितकारक सत्य बोलना।
3 अस्तेय - चोरी न करना।
4 ब्रह्मचर्य - परमात्मा में ध्यान रखना।
5 अपरिग्रह - आवश्यकता से अधिक जमा न करना।
प्रश्न 3 - 'अहिंसा का संंबंध मनोवृत्ति से है, क्रिया से नहीं।' इसे उदाहरण द्वारा स्पष्ट करें।
उत्तर 3 - अहिंसा का संबंध मनोवृति से है क्रिया से नहीं। एक कुशल डॉक्टर अपने रोगी को बचाने के लिए उसका ऑपरेशन करता है। तो क्या आप उसे अहिंसा कहेंगे? नहीं, क्योंकि यह सारा काम वास्तविक वृत्ति अर्थात मन, वचन, कर्म से निष्ठा व लगन से कर रहा है। वह अपने कर्तव्य का पालन कर रहा है।
 इसी प्रकार एक सच्चा क्षत्रिय जब युद्ध में देश के शत्रुओं का हनन करता है, तो वह हिंसा नहीं करता अपितु कर्तव्य का पालन करता है।
प्रश्न 4 - अस्तेय और अपरिग्रह का क्या संंबंध है?
उत्तर 4 - स्तेय का अर्थ चोरी करना है और अस्तेय का अर्थ चोरी न करना। दूसरों की वस्तु हमसे बिना पूछे या उसका मूल दिए बिना लेना अस्तेय है। अपरिग्रह का अर्थ चोरी अथवा गलत ढंग से धन का संग्रह न करना है। यदि हम सुख और शांति चाहते हैं तो हमें आवश्यक वस्तुओं का संग्रह नहीं करना चाहिए। क्योंकि अनावश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए चोरी (स्तेय) आदि का सहारा लेना पड़ता है जोकि समाज के लिए दुःखदायी है। इसी प्रकार अस्तेय की भावना को मजबूत करने के लिए अपरिग्रह की भावना का होना आवश्यक है।
प्रश्न 5 -  ब्रह्मचर्य का क्या महत्व है?
उत्तर 5 - ब्रह्मचर्य का पालन करने वाला व्यक्ति अपनी शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शक्ति से प्रभु को पाने में समर्थ होता है। ऐसा व्यक्ति जनता को अपनी सोच व व्यवहार के अनुकूल बना लेता है। सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि ऐसे व्यक्ति से समाज में संयम व मर्यादा व अनुशासन बने  रहते हैं। ब्रह्मचर्य से शरीर को सुंदर और स्वस्थ बनाता है, मन स्वच्छ और संतुलित बनता है, बुद्धि तीव्र और प्रखर बनती है और आत्मा  बलवान बनती है।

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