Saturday, August 15, 2020
आर्य समाज के नियम
Thursday, August 13, 2020
गायत्री मंत्र व उनका अर्थ।
ओ३म् भूः भुवः स्वाः।
तत्सवितुर्वरेंयं भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्।।
अर्थ
ओ३म् - ईश्वर का निज नाम।
भूः - प्राणों का प्राण।
भुवः - सब दुःखों को मिटाने वाला।
स्वाः - सब सुखों को देने वाला।
तत् - उसको हम।
सवितु - सूर्यादि में प्रकाश भरने वाला, जगत् की उत्पत्ति करने वाला।
र्वरेण्यमं - अपनाने योग्य।
भर्गो - सब क्लेश ओ को भस्म करने वाला, पवित्र, शुद्ध स्वरूप।
देवस्य - कामना करने योग्य।
धीमही - धारण करने योग्य।
धियो - बुद्धि को।
यो - जो।
नः - हमें
प्रचोदयात् - सन्मार्ग पर ले चलो।
नैतिक शिक्षा
गायत्री मंत्र व उनका अर्थ।
ओ३म् भूः भुवः स्वाः।
तत्सवितुर्वरेंयं भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्।।
अर्थ
ओ३म् - ईश्वर का निज नाम।
भूः - प्राणों का प्राण।
भुवः - सब दुःखों को मिटाने वाला।
स्वाः - सब सुखों को देने वाला।
तत् - उसको हम।
सवितु - सूर्यादि में प्रकाश भरने वाला, जगत् की उत्पत्ति करने वाला।
र्वरेण्यमं - अपनाने योग्य।
भर्गो - सब क्लेश ओ को भस्म करने वाला, पवित्र, शुद्ध स्वरूप।
देवस्य - कामना करने योग्य।
धीमही - धारण करने योग्य।
धियो - बुद्धि को।
यो - जो।
नः - हमें
प्रचोदयात् - सन्मार्ग पर ले चलो।
Wednesday, August 12, 2020
कक्षा - पांचवीं पाठ - 10
पाठ - 10
कक्षा - आठवीं पाठ - 10
Tuesday, August 11, 2020
कक्षा - सातवीं पाठ - 10
कक्षा - छठी पाठ - 10
कक्षा - चौथी पाठ - 10
कक्षा - तीसरी पाठ - 10
प्रश्न 2 - मूर्ति पूजा से मूलशंकर की आस्था क्यों समाप्त हुई?