Wednesday, April 22, 2020

कक्षा - सातवीं पाठ -3

कक्षा - सातवीं

पाठ - 3
आर्य समाज के नियम

प्रश्न 1 - 'वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है।' का अभिप्राय स्पष्ट करें।
उत्तर 1 - 'वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है'  इसमें 'वेद' शब्द पहले है और 'सत्य विद्याएँ' बाद में। इसका अभिप्राय यह है कि कौन सी विद्या सत्य है, और कौन सी नहीं, इसका निर्णयाक है।
प्रश्न 2 - आर्य समाज के चौथे नियम की व्याख्या करें।
उत्तर 2 - आर्य समाज के चौथे नियम में बताया गया है कि जो वस्तु जैसी है उसे वैसे ही मानना, कहना और करना सत्य है। इसके  विरुद्ध मानना, कहना और करना असत्य है। मनुष्य अल्पज्ञ है, उसे स्वभावतः सत्य और असत्य का सही ज्ञान नहीं हो पाता। अपने अध्ययन, प्रयोग और अनुभवों के आधार पर वह सत्य और असत्य का निर्णय करता है।
प्रश्न 3 - 'धर्मानुसार अर्थात् सत्य-असत्य को विचार कर' का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर 3 -  इससे अभिप्राय है कि जागते सोते हम जो कुछ भी करें वह धर्म के अनुसार हो, पाप ना हो। जिन नियमों से संसार में शांति रहती है, अपनी तथा दूसरों की उन्नति अर्थात् अभ्युदय होता है, जिनका आचरण कल्याणकारी होता है, वही धर्म कहलाते हैं।
प्रश्न 4 - उन्नति कितने प्रकार की होती है?
उत्तर 4 -  उन्नति तीन प्रकार की होती है:-
1  शारीरिक  उन्नति।
2  आत्मिक उन्नति।
3  सामाजिक उन्नति।

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