Monday, April 6, 2020

कक्षा - पाचवीं पाठ - 1

                        याचना


हे प्रभु आनंददाता ! ज्ञान हमको दीजिये।

शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिये।।

लीजिए हमको शरण में, हम सदाचारी बनें।

ब्रह्मचारी धर्म रक्षक वीरव्रत धारी बनेंं ।।

हिंद मे पैदा हुए हैं हिन्द की सन्तान है।

हिन्द की सेवा करें, वरदान ऐसा दीजियेे।।

प्रेम की गंगा बहे दिल में हमारे रात दिन।

तुमको कभी भूलें नहीं, सद्ज्ञान ऐसा दीजिए।।


प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1 - याचना मे प्रभु से क्या देने और क्या दूर करने को कहा गया है?
उत्तर 1- ज्ञान देने और दुर्गुणों को दूर करने को कहा गया है।
प्रश्न2 2 - प्रभु की शरण में जाकर हम क्या बन सकते हैं?
उत्तर 2-  सदाचारी
प्रश्न 3 - याचना मेंं देश के लिये क्या माँग की गई है?
उत्तर 3-  देश सेवा करने की मांग की गई है।
प्रश्न 4 - याचना मे किस सद्ज्ञान की मांग की गई है?
उत्तर 4-  प्रभु को कभी न भूले का  सद्ज्ञान की मांग की गई है।

सही गलत लिखे।

1 हमें सदाचारी बनना चाहिए।    ( सही )
2 हम सब हिंदुस्तान में पैदा हुए हैं।     ( सही )
3 हमें हर रोज भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए।    ( सही )
4 हमारे अंदर नफरत की गंगा बहने चाहिए।    ( गलत )


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