Thursday, April 23, 2020

कक्षा - पांचवीं पाठ - 3

कक्षा - पांचवीं

पाठ - 3
आर्य समाज के नियम (सातवें से दसवें तक)

प्रश्न 1 - आर्य समाज के अंतिम चार नियम याद करके लिखें।
उत्तर 1 - i) सबसे प्रीतिपूर्वक धर्मानुसार यथायोग्य वर्तना चाहिए।
ii)  अविद्या का नाश और विद्या वृद्धि करनी चाहिए ।
iii)  प्रत्येक को अपनी उन्नति में संतुष्ट न रहना चाहिए किंतु सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझनी चाहिए।
iv)  सब मनुष्यों को सामाजिक, सर्वहितकारी नियम पालने में परतंत्र रहना चाहिए और प्रत्येक हितकारी नियम में सब स्वतंत्र रहें।

प्रश्न 2 - दूसरों के साथ हमें कैसा व्यवहार करना चाहिए?
उत्तर 2 - दूसरों के साथ हमें प्रेम और ईमानदारी का व्यवहार करना चाहिए।
प्रश्न 3 - विद्या की वृद्धि के लिए अविद्या का नाश क्यों आवश्यक है?
उत्तर 3 - जिस प्रकार अच्छे सिद्धांतों का मण्डन  से पहले बिंदी रूढ़ियों का खण्डन अपेक्षित है उसी प्रकार विद्या की वृद्धि के लिए अविद्या का नाश होना आवश्यक है।
प्रश्न 4 - सब की उन्नति में अपनी उन्नति समझने का क्या भाव है?
उत्तर 4 - समाज के प्रति हम अपना कर्तव्य तभी पूरा कर सकते हैं जब पूरे समाज की उन्नति के लिए प्रयत्न करें, सब की उन्नति में अपनी उन्नति समझें। अकेले उन्नति करेंगे तो जिएंगे कैसे?
प्रश्न 5 - हम किस प्रकार के नियम पालने में स्वतंत्र है?
उत्तर 5 - अपनी और दूसरों की भलाई के लिए हम कौन-सा कार्य करें इस चुनाव में हम सब स्वतंत्र हैं।
रिक्त स्थान भरें :-
1 अविद्या की _______  करनी चाहिए। (वृद्धि)
2  आर्य समाज के _______  नियम है। (दस)
3  प्रत्येक_______ नियम में सब स्वतंत्र है। (हितकारी)
4  आर्य समाज सबकी______ चाहता है। (उन्नति)

No comments:

Post a Comment