Wednesday, April 22, 2020

कक्षा - चौथी पाठ - 3

कक्षा - चौथी

पाठ -3
आर्य समाज के नियम (3 से 6)

प्रश्न 1 - आर्य समाज का तीसरे, चौथा, पांचवां, छठा नियम लिखें।
उत्तर 1- i) वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। वेद पढ़ना-पढ़ाना सुनना-सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है।
ii)  सत्य के ग्रहण करने और असत्य को छोड़ने के लिए सर्वदा उद्यत रहना चाहिए।
iii) सब काम धर्मानुसार अर्थात् सत्य और असत्य को विचार कर करना चाहिए।
iv) संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है, अर्थात् शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना।
प्रश्न 2 - वेद कितने हैं? उनके नाम बताइए।
उत्तर 2-  वेद चार हैं।  ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।
प्रश्न 3 - वेद का पढ़ना-पढ़ाना और सुनना-सुनाना परम धर्म क्यों बताया गया है?
उत्तर 3-  वेद धर्म का मूल है अतः धर्म का सच्चा स्वरूप जाने के लिए इनका पढ़ना पढ़ाना और सुना सुना ना आवश्यक है।
प्रश्न 4 - किसी भी काम को करते समय हमें किस बात का विचार करना चाहिए?
उत्तर 4-  किसी भी कार्य को करते समय हमें यह देख लेना चाहिए कि यह कार्य धर्म के अनुसार है या नहीं।
प्रश्न 5 - संसार के उपकार के लिए शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति क्यों आवश्यक है?
उत्तर 5- क्योंकि कमजोर व्यक्ति दूसरों  का उपकार नहीं कर सकता।
प्रश्न 6 - धर्म और सत्य का क्या संबंध है?
उत्तर 6-  धर्म और सत्य परस्पर मिलते-जुलते हैं क्योंकि दोनों ही मानव की उन्नति के लिए आवश्यक है।
प्रश्न 7 - वेद क्या किसी जाति या देश-विशेष के लिए है अथवा सबके लिए।
उत्तर 7-  वेद सबके लिए हैं।
प्रश्न 8 - आर्य समाज किस/किन की उन्नति चाहता है? अपनी? किसी देश की? सारे संसार की?
उत्तर 8-  आर्य समाज सारे संसार की उन्नति जाता है।
 रिक्त स्थान भरे :-
1 वेद _____ है। (चार)
2 झूठे विचारों को छोड़ने के लिए ______  रहना चाहिए।  (उद्यत)
3 वेदों को ______  नाम से पुकारा जाता है।  (श्रुति)
4आर्य समाज का उद्देश्य ______ का उपकार करना है।  (संसार)
5 आर्य समाज सारे संसार की ______ चाहता है।   (उन्नति)

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