Thursday, April 30, 2020

कक्षा - पांचवीं पाठ - 4

कक्षा - पांचवी

पाठ - 4 
मूलशंकर का गृहत्याग

प्रश्न 1-  मूल शंकर ने घर कब छोड़ा?
उत्तर 1- विवाह के बंधन का भय उपस्थित होने पर।
प्रश्न 2-  सिद्धपुर के मेले में पिताजी से पकड़े जाते समय मूल शंकर का नाम क्या था?
उत्तर 2- शुद्ध चैतन्य।
प्रश्न 3- शुद्ध चैतन्य को संन्यास की दीक्षा किसने दी?
उत्तर 3- स्वामी पूर्णानंद ने।
प्रश्न 4- शुद्ध चैतन्य को संन्यासी बनने की आवश्यकता महसूस क्यों हुई?
उत्तर 4- आश्रम मर्यादा के अनुसार ब्रह्मचारी रहते हुए तो वह भिक्षा नहीं मांग सकते थे। स्वयं भोजन बनाने में बहुत समय नष्ट होता था। जिससे ध्यान और साधना में बाधा आती थी। इसीलिए शुद्ध चैतन्य को संन्यासी बने की आवश्यकता महसूस हुई।
प्रश्न 5-  स्वामी दयानंद ने 'हठयोग प्रदीपिका' पुस्तक को गंगा में क्यों बहा दिया?
उत्तर 5-  स्वामी दयानंद ने एक बार गंगा में बहते हुए शव का छेदन किया और हठयोग प्रदीपिका में अंकित नाड़ी चक्र से शव की नाड़ियों का मेल न देखकर हठयोग प्रदीपिका पुस्तक को गंगा में बहा दिया।
प्रश्न 6-  स्वामी जी के अज्ञात तीन वर्षों के बारे में विद्वानों की नई खोज क्या है?
उत्तर 6- विद्वानों का मानना है, कि इन वर्षों में स्वामी जी ने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भाग लिया।
प्रश्न 7-  कुटिया का द्वार खटखटाए जाने पर विरजानंद जी ने क्या प्रश्न किया?
उत्तर 7-  द्वार पर 'कौन है?
प्रश्न 8- स्वामी दयानंद ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर 8- "मैं कौन हूं यही जानने के लिए आपकी शरण में आया हूं।"
प्रश्न 9-  स्वामी दयानंद गुरु दक्षिणा में क्या वस्तु लेकर गुरु के पास गए?
उत्तर 9- एक सेर लौंग।
प्रश्न 10- दंडी स्वामी विरजानंद ने दयानंद से गुरु दक्षिणा में क्या मांगा?
उत्तर 10-  स्वामी विरजानंद ने स्वामी दयानंद से कहा कि अपने संपूर्ण जीवन को देश व जाति के उत्थान के लिए पाखंड, कुरीतियों का खंडन कर, सच्चे वैदिक धर्म का प्रचार करने लिए समर्पित करो।

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