Friday, November 27, 2020

कक्षा - आठवीं पाठ - 18

कक्षा - आठवीं

पाठ - 18
न्यायमूर्ति डॉ. मेहरचंद महाजन

प्रश्न 1 - मेहरचंद महाजन का जन्म कब और कहां हुआ।
उत्तर 1 - मेहरचंद महाजन का जन्म 23 दिसंबर 1889 को हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के गांव टिक्का नगरोट में हुआ।
प्रश्न 2 - डॉ. मेहरचंद महाजन की धाय मां का क्या नाम था?
उत्तर 2 - डॉ. मेहरचंद महाजन की धाय मां का नाम रंगटू था।
प्रश्न 3 - बालक मेहरचंद को इनके पिता ने धाय मां को क्यों दिया?
उत्तर 3 - जब बालक मेहरचंद का जन्म हुआ तो ज्योतिषियों को बुलाकर उसका भाग्य जानने का यत्न किया गया। परंतु ज्योतिषियों ने बालक को अशुभ घोषित कर दिया। इससे दुखी होकर पिता श्री बृजलाल ने इस बालक को एक राजपूतानी आया रंगटू को सौंप दिया।
प्रश्न 4 - मेहरचन्द महाजन को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायधीश कब बनाया गया?
उत्तर 4 - मेहरचन्द महाजन को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायधीश 4जनवरी 1954 बनाया गया।
प्रश्न 5 - महाजन जी को कश्मीर का प्रधानमंत्री कब बनाया गया?
उत्तर 5 - महाजन जी को कश्मीर का प्रधानमंत्री 18 सितंबर 1947 बनाया गया।
प्रश्न 6 - प्रधानमंत्री काल में डॉ. महाजन ने कश्मीर से भारत को जोड़े रखने के लिए क्या कार्य किए?
उत्तर 6 - प्रधानमंत्री कार्यकाल में इन्होंने कश्मीर को भारत से जोड़े रखने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए। भारत और कश्मीर को जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण कराया, कश्मीर में रेडियो स्टेशन की स्थापना करवाई। महाजन जी की प्रेरणा से ही महाराजा ने कश्मीर में डी.ए.वी. संस्थाओं की स्थापना के लिए विशाल भूमि दान दी और वहाँँ पर अनेकानेक डी.ए.वी. शिक्षण संस्थान की स्थापना की।
प्रश्न 7 - भारत विभाजन के समय डॉ. महाजन ने डी.ए.वी. की किस प्रकार रक्षा की?
उत्तर 7 - भारत विभाजन से डी.ए.वी. को भी बहुत बड़ी क्षति पहुंची। जनता के दान से बनाई गई शिक्षण संस्थाएँँ पाकिस्तान में ही रह गई। धन का नितान्त अभाव हो गया था। डी.ए.वी. के असंख्य कर्मचारी बेघर हो गए थे। पाकिस्तान से आने वाले असंख्य छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया था। डॉ. महाजन ने अपनी दूरदृष्टि का परिचय देते हुए डी.ए.वी. का कार्यकाल जालंधर से दिल्ली लाने की प्रेरणा तत्कालीन नेताओं को दी। यदि भारत-विभाजन के समय डॉ. महाजन डी.ए.वी. का मार्गदर्शन न करते तो ना मालूम आज डी.ए.वी. का स्वरूप क्या होता?
प्रश्न 8 -डॉ. महाजन की डी.ए.वी. सेवाओं का महत्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर 8 - न्यायालय की सेवा से निवृत्त हो जाने पर डी.ए.वी. प्रधानमंर्त्री समिति के प्रधान बने। यद्यपि इस सेवा निवृत्ति के पश्चात उन्हों राज्यपाल या राजपूत बनने की पेशकश की गई थी किंतु इन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। अब महाजन साहब का प्रेम आर्यसमाज डी.ए.वी. और कृषि पर विशेष रूप में प्रकट हुआ। वे आर्यसमाज के सत्संगों, कथाओं तथा उत्सवों में नियम पूर्वक उत्साह से भाग लिया करते थे।
प्रश्न 9 - भारत के राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ने जस्टिस मेहरचंद महाजन के लिए क्या शब्द कहे थे?
उत्तर 9 - भारत के राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ने जस्टिस महाजन के संबंध में ये शब्द कहे थे, "अनेक महत्वपूर्ण कमीशनों के सदस्य के रूप में, अनेक शिक्षक संस्थाओं के संचालक, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस महाजन ने अपना उत्तरदायित्व शानदार ढंग से निष्ठापूर्वक निभाया। वे उच्चकोटि के न्यायविद् और भारतमाता के सच्चे समर्पित पुत्र थे।

1 comment: